Tuesday, 21 October 2014

चुनाव


लगेगा फिर यू सपनो का इक बाज़ार  दुनिया में 

उठेगा फिर वाह वाही का इक अम्बार दुनिया में 

दुनिया में वही होगे जो कल तक शान से रहते थे 

सत्ता में जो  यू  रहकर, तुजे  बेकार कहते थे 

आज गिड़गिड़ाये गे यो तेरे सामने हर दिन 

तय तुज को करना है , तुजे सपनो में जीना ह… 

या घुट घुट मरते ही तुजे तो यु ही रहना है 

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