Tuesday 21 October 2014

हंगामा ,





मै कुछ बोलु तो हंगामा ,
न कुछ बोलू तो हंगामा ,
ख्यालो में हे हंगामा ,
सवालो में हे हंगामा ,
दिलो में आग जलती हे ,
तभी उठता हे हंगामा ,
कभी सूरत बदलती है ,
कभी नासूर बनते है ,
यह हंगामे कभी तो खुद ही की भेंट चढ़ते है ,
यह न पूछो या क्यों  कदर बरपा हे हंगामा ,
अगर मकसद हो अच्छा तो तख्तो ताज हिलते है ,

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