inking my emotions
A place of pouring emotions
Tuesday 21 October 2014
हम से
हज़ारो आँसुओ को छुपाकर,,,
होठों से मुस्कुराना कोई हम से सीखे
दिल में पलते हर इक जख़्म को दबाकर ,,,
,जीना कोई हम से सीखे
यू तो रोज गालियां देते हे हम इन नेताओ को
मगर मौजूदगी में इनकी खुशामत करना कोई हम से सीखे \\\\\\\\\\
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