लगेगा फिर यू सपनो का इक बाज़ार दुनिया में
उठेगा फिर वाह वाही का इक अम्बार दुनिया में
दुनिया में वही होगे जो कल तक शान से रहते थे
सत्ता में जो यू रहकर, तुजे बेकार कहते थे
आज गिड़गिड़ाये गे यो तेरे सामने हर दिन
तय तुज को करना है , तुजे सपनो में जीना ह…
या घुट घुट मरते ही तुजे तो यु ही रहना है
No comments:
Post a Comment